प्रकाशिय तंतु ||प्रकाशिय प्ंपन ||optical fiber



  प्रकाशिक तंतु 

 Optical fiber =>पारदर्शी तंतु में से प्रकाश किरण या सूक्ष्म तरंगों के संचरण का सिद्धान्त पूर्ण आंतकिर परिवर्तन की घटना पर आधारित है। प्रकाशिकी तंतु एक बेलनीय (तार की भांति) परावैद्युत तरंग पथक होता है जो प्रकाश किरण को इसके अक्ष के अनुदिश तरंग संचरण केलिये पथ प्रदान करता है। यह पारदर्शी प्लास्टिक काँच या क्वार्टज के बहुत बारीक रेशों से बनाये जाते हैं। इनकी मोटाई 10-4 सेमी की कोटि की होती है। इसे क्रोड कहते हैं। इन तंतुओं पर कम अपवर्तनांक वाले पदार्थ की पतली परिनिधान परत का लेप कर देते हैं। ये तंतु प्रकाशीय तंतु कहलाते हैं। प्रकाशीय तंतु को नमी के नुकसानदायक प्रभाव, ताप, संदूषण तथा अपघर्षण से बचाने के लिये इसके ऊपर एक और विद्युतरोधी लेप कर देते हैं जिसे जेकेट कहते हैं ।

             अर्थात्

प्रकाशिक तंतु (optical fiber) पूर्ण आंतरिक परावर्तन पर आधारित एक ऐसी युक्ति है जिसकी सहायता से प्रकाश सिग्नल को सीधे या टेढ़े-मेढ़े मार्ग से अन्य या लम्बी दूरी तक भेजा जा सकता है ।

 संरचना :

प्रकाशिक तंतु की संरचना तीन भागों में बांट गया है।

  कोड ➡

प्रकाशिक तंतु के केंद्रीय भाग को क्रोड कहते हैं। यह उच्च क्वालिटी के कांच- सिलिका अथवा प्लास्टिक का बना होता है।

ब्लैडिंग➡

क्रोड के ऊपर काँच या प्लास्टिक की परत चढ़ी होती है जिसे ब्लैडिंग कहते हैं। ब्लैडिंग के पदार्थ का अपवर्तनांक कोड के पदार्थ के अपवर्तनांक से कुछ कम होता है।

सुरक्षात्मक जैकेट ➡

सबसे बाहरी परत को सुरक्षात्मक जैकेट कहते हैं। यह विद्युत रोधी पदार्थ का बना होता है जो प्रकाशिक तंतु को सुरक्षा प्रदान करता है |

प्रकाशीय तंतु दो प्रकार के होते हैं।

1. सोपानी अपवर्तनांक तंतु

2. प्रवणता अपवर्तनांक तंतु

प्रकाशिय प्ंपन

इसमे सक्रिय माध्यम द्वारा एक विशिष्ट  प्रकार के प्रकाश स्रोत से सक्रिय केन्द्रो के उत्तेजन द्वारा विकिरणों का अवशोषण किया जाता है।


प्रकाशीय पम्पन कला असम्बद्ध व कला सम्बद्ध हो सकती है

 कला असम्बद्ध में गैस विसर्जन लैम्प, अनवरत दीप्ति लैम्प स्पार्क फ्लेम आदि से प्राप्त कला असम्बद्ध उत्तेजन विकिरण प्रयुक्त करते हैं

कला सम्बद्ध में लेसर काम मे लेते हैं

प्रकाशीय पम्पन का गुण∗

  •  यह सदैव उत्तेजक चैनल में उत्क्रमित प्रक्रिया को प्रारम्भ करता है
  • सीधी प्रक्रिया में विकिरणों के अवशोषण की प्रायिकता व  प्रकाशीय पंपन की प्रायिकता लगभग समान होती है
  • प्रकाशिम पंपन में उत्तेजन व उत्सर्जन के लिए एक चैनल प्रयाप्त नहीं होता इसलिए प्ररकाशीय पम्पन में कम से कम तीन ऊर्जा स्तर होने चाहिए।

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