अपवहन वेग
किसी विलगित धातु में मुक्त इलेक्ट्रॉन कि दो उत्तरोत्तर (एक टक्कर के बाद दुसरी टक्कर) टक्करो के मध्य इलेक्ट्रॉन के औसत वेग को अपवहन वेग कहते हैं
अनुगमन वेग तथा विशवान्तर में सम्बन्ध (Relation
between Drift Velocity and Potential
Difference)
माना PQ एक /अनुगमन वेग तथा विशवान्तर में सम्बन्ध (Relation
between Drift Velocity and Potential
Difference) लम्बाई का चालक है जिसके सिरों पर V विभवान्तर लगाया जाता है। चालक के अन्दर धनात्मक सिरे
Q से ऋणात्मक सिरे P की ओर एक विद्युत क्षेत्र E पैदा हो जाता है। इस
क्षेत्र की तीव्रता
E = V /l
चालक का प्रत्येक मुक्त इलेक्ट्रॉन इसी क्षेत्र में स्थित है अतः प्रत्येक
मुक्त इलेक्ट्रॉन पर लगने वाला विद्युत बल
F = - Ee. ...(3)
यदि इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान m हो तो विद्युत बल के कारण इलेक्ट्रॉन
में उत्पन्न त्वरण
a = F/m = -Ee/m ....(4)
चूँकि मुक्त इलेक्ट्रॉन का औसत वेग शून्य होता है।
.:. प्रारम्भिक वेग u = 0
अन्तिम वेग v = Vd = अनुगमन वेग
इलेक्ट्रॉन द्वारा प्राप्त अधिकतम त्वरण (maximum acceleration)
a= -eE/m ....... from equ. (4)
टकराने में लगा समय (श्रान्तिकाल) = t
.. गति के प्रथम समीकरण से,
V = u + at
मान रखने पर, Vd = 0+[-eE/m ]t
Vd =[- eE /m ]t
श्रान्तिकाल
दो उत्तरोत्तर टक्कर होने में लगा समय श्रान्तिकाल कहते हैं
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